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शाहरुख़ एक ऐसा कलाकार जिसने देश की मिट्टी की महक पूरे विश्व में फैलाया
शाहरुख़ बस नाम ही काफ़ी है. एक ऐसा कलाकार जिसने देश की मिट्टी की महक पूरे विश्व में फैलाया. नाम के आगे खान लिखा है और इसकी क़ीमत ही उन्हें हमेशा चुकानी पड़ी है. चाहे वह बेटे आर्यन के समय का मामला हो या असहिष्णुता पर पहले दिए बयान हो या उनकी कोई भी नई रिलीज़ होती फिल्म. लोगों ने तो उन्हें तब भी नहीं छोड़ा जब वे लता की पार्थिव देह के पास दुआ पढ़ कर रहें थे और बगल में उनकी मैनेजर प्रणाम कर रही थी. लोगों ने कहा थूक रहें थे शाहरुख़ खान.हम सड़े गले लोग हो चुके हैं. अगर मगर नहीं इस देश के लोगों की शाहरुख़ से नफ़रत की सिर्फ यही वजह है कि वे शाहरुख़ के बाद खान भी है.उनकी फ़िल्में न सिर्फ देश में वरन विदेशों में भी सुपरहिट हुईं.जर्मनी के एक होटल में रात को दो बजे उनकी एक झलक पाने हजारों लोग जमा थे किसी हॉलीवुड स्टार से ज्यादा उन्हें देखने लोग पागल हुए जा रहें थे.
बुर्ज खलीफा में हर जन्मदिन पर शाहरुख़ का चेहरा नजर आता है.कुछ लोग कहते हैं उनका देश को क्या योगदान है तो बता दूँ कोविड के पीक में जब पीपीई कीट की भयंकर कमी थी, डॉ ही मर रहें थे तब सभी राज्यों को शाहरुख़ ने पीपीई कीट उपलब्ध करवाया.गूगल कर देख लीजिये. शाहरुख़ खान कलाकार हैं, वे हमसे ज्यादा सही मायनों में भारतीय हैं. उनकी पत्नी हिन्दू है. मंदिरों में वे अक्सर जाते हैं.मूझे लगता था सिर्फ इस कलाकार को जो कि खान के बाद मुस्लिम भी है ये कुकुरमुत्ते की तरह उगे कट्टर हिन्दू परेशान नहीं करेंगे पर मैं गलत था. शाहरुख़ को साथ पतंग न उड़ाने की सजा दी जा रही है. पर मैं फिर भी कहता हूँ उनकी उम्र 57 जरूर है पर दिल और चेहरे पर मुस्कान 20-22 साल के लड़के जैसा ही हैं. क्योंकि उसने इश्क किया देश से, फिल्मों से, अपने कैरेक्टर से. और हमें शाहरुख़ से मोहब्बत हैं. बेहद मोहब्बत.
कापी – विक्रम नारायण सिंह चौहान